-अंबरीश कुमार
अपने ज्यादातर हिंदू मित्र घनघोर किस्म के मांसाहारी हैं जबकि कई मुस्लिम शुद्ध शकाहारी हैैं
.ताहिरा हसन से लेकर वजिहा तक .इन लोगों के साथ जब भी दावत आदि का कार्यक्रम बनता है तो बड़ा ध्यान रखना पड़ता है .मांसाहारी व्यंजनों पर अमूमन लिखने से बचता हूं क्योंकि कई लोग बहुत कुढ़ते भी हैं .फिर भी कभी कभार लिख देता हूं.जिसने गोरखपुर में तरकुल्हा देवी को चढ़ाया खसी का प्रसाद नहीं खाया वह क्या जाने मिटटी की हांडी में बने बकरे का स्वाद .कभी कोलकता में दुर्गा पूजा के दौरान सोलह आना बंगाली के सामिष व्यंजनों का भी स्वाद लेकर देखें . कई मित्र बहुत शौकीन हैं .कल बकरीद में नैनीताल के बोट हाउस क्लब पर जब मछली और बकरे की डिश मांगी तो बताया गया दोनों नहीं है .सावन चल रहा था इसलिए मछली नहीं थी .खैर सब ने लेमन चिकन ,लह्सुनी चिकन से लेकर तंदूरी चिकन के साथ बकरीद बनाई .फिर चर्चा चली बिरयानी की .एक जानकार मित्र ने बताया कि लखनऊ में अगर बिरयानी खानी है तो टुंडे,रहीम ,इदरीस ,दस्तरख्वान आदि को भूल जाएं .अब कभी चौपटिया की लल्ला की बिरयानी खाकर देखें .अद्भुत स्वाद ,शुद्ध हिंदू हाथ से बनी .लल्ला भईया तिलक लगाते हैं और हाथ पर कलावा बंधा रहता है पर इन्ही हाथों से वे जो बिरयानी बनाते हैं उसका एक चौथाई हिस्सा रोज मुंबई चला जाता है ,खाने के भी कद्रदान कम नहीं है .दूकान बहुत दूर गली में है इसलिए जुमैटो या काका वालों से मंगवा कर स्वाद लें .पता है Bal Mukund Bajpai Marg, Tambaque Mandi, Chaupatiyan, Chowk, Lucknow, Uttar Pradesh 226003
कल अलग अलग विधि से खसी बनाने पर कुछ टिप्स देंगे .दरअसल रात मित्र लोगों ने रामगढ़ टूरिस्ट रेस्ट हाउस में चिकन मसाला के साथ भट की दाल के डुबके ,चुड़कानी और भांग के बीज की चटनी जैसे पारम्परिक व्यंजनों के साथ चिकेन डाक बंगला भी बनवाया .अपने को भट की दाल की चुड़कानी सबसे ज्यादा पसंद आई .बहरहाल लखनऊ में है तो लल्ला की बिरयानी का स्वाद जरुर लें .
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